रायपुर में आयोजित 15अक्टूबर को मंत्रालय में बैठक,छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग कर्मचारी कल्याण प्रकोष्ठ महानदी भवन के आदेश दिनांक 810.2024 के तहत प्रदेश के मान्यता प्राप्त संगठनों का ,शासकीय कर्मचारियों के समस्याओं एवं मांगों की समीक्षात्मक प्रक्रिया आरंभ करने एवं मार्ग प्रशस्त करने हेतु गठित समिति के साथ बैठक आयोजित हुई, बैठक में राजपत्रित अधिकारी संघ से कमल वर्मा नंदलाल चौधरी अविनाश तिवारी, प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ से प्रांताध्यक्ष जी आर चंद्रा, उपप्रांतअध्यक्ष संतोष पांडे ,प्रांतीय पदाधिकारी पवन शर्मा ,अधिकारी कर्मचारी संघ से कटिहार जी बैठक में उपस्थित थे ,साथ में शासन द्वारा गठित विभागों के उच्च

अधिकारी भी मंत्रालय बैठक में मौजूद थे।कमल वर्मा द्वारा चार सूत्र मांग जो फेडरेशन के आंदोलन में थे उनको रखा गया जिसमें केंद्र के समान महंगाई भत्ता, महंगाई भत्ते का एरियस, 300दिन का अवकाश नगदी करण ,केंद्र के समान के लिए भाड़ा भत्ता, प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष जी आर चंद्रा ने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक करने लिपिकों, स्वास्थ विभाग, सहायक शिक्षक,एवं सभी विभाग के वेतन विसंगति को तत्काल दूर करने की बात कही, शासकीय कर्मचारियों को कैशलेस इलाज हेतु भी बात रखी, 15 वर्ष सेवा पूर्ण कर चुके व्यायाम शिक्षकों को व्याख्याता शारीरिक शिक्षक के पद पर पदोन्नति एवं पद नाम दिया जाए, आई टीआई ,महिला बाल विकास अनियमित कर्मचारी की मांगों पर भी

समिति के समक्ष बहुत अच्छे तरीके से रखा गया।संतोष कुमार पांडेय ने शिक्षा विभाग में अंतर विभागीय स्थानांतरण टी संवर्ग एवं ई संवर्ग का आपस में स्थानांतरण 2017 तक होता था जो अभी नहीं हो रहा है,उसे पुनः प्रारंभ करने की बात कही एवं उसके पक्ष में तर्क रखा,साथ ही शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक वेतन विसंगति एवं विभाग के सभी पदों पर पदोन्नति तत्काल करने के लिए कमेटी का ध्यान आकर्षित किया गया ,श्रीमती निहारिका सिंह जी ने अंतर विभागीय स्थानांतरण हेतु शिक्षा विभाग को लिखा जाएगा आश्वाशन दिया। पवन शर्मा द्वारा अग्रेसिया राशि को 50हजार से बढ़ाने एवं 1 वर्ष की सेवा अवधि की अनिवार्यता समाप्त करने की बात कही, इस पर भी गंभीरता से विचार करने का आश्वासन मिला।शासन द्वारा गठित समिति ने मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से सभी बातों को गंभीरता पूर्वक सुना एवं उसके हल के लिए गंभीर प्रयास करने के बाद मीटिंग में कहीं, सभी संघ के पदाधिकारी अपने-अपने मांगों का पत्र भी समिति के समक्ष रखें। इस बैठक के पश्चात कर्मचारी जगत में एक सकारात्मक बात आई है ।अब देखना है कि शासन इन पर कब तक निर्णय लेता है कर्मचारी संघों ने कर्मचारी हितों की बातों को गंभीरता पूर्वक एवं अपनी पूरी ऊर्जा के साथ शासन के समक्ष रखा है।