, रायगढ़ – बरौद खदान से विस्थापित परिवारों की लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर आखिरकार प्रशासन व एसईसीएल प्रबंधन ने सकारात्मक कदम उठाया है। 16 अप्रैल 2025 को बरौद विस्थापितों द्वारा खदान बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया गया था।

इसके बाद महाप्रबंधक रायगढ़ क्षेत्र श्री अनुरूध्द सिंह की अध्यक्षता में और तहसीलदार घरघोड़ा श्री मनोज कुमार गुप्ता की मध्यस्थता में त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई।इस बैठक में विस्थापित परिवारों को प्रति परिवार 03 लाख रुपये विस्थापन लाभ और अतिरिक्त 05 लाख रुपये बोनस/प्रोत्साहन राशि देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी। यह प्रस्ताव एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को भेजा जाएगा और अगले छह महीनों के भीतर एसईसीएल बोर्ड से स्वीकृति दिलाने का आश्वासन दिया गया।ज्ञात हो कि पूर्व में 10 जनवरी 2024 को दो पक्षीय बैठक में भी यह सहमति बनी थी कि कोरबा जिले की सराईपाली परियोजना के ग्राम बुड़बुड़ के तर्ज पर ही बरौद विस्थापितों को लाभ दिया जाएगा।

लेकिन पिछले 14 महीनों से इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया था, जिसके चलते ग्रामीणों में नाराजगी थी।15 अप्रैल 2025 की शाम 6 बजे ग्राम पंचायत बरौद में आयोजित बैठक में पंचायत प्रतिनिधि रथमिला राठिया, सरपंच श्वेता राठिया, उपसरपंच परमानंद यादव, वार्ड पंच जागर साय चौहान, कमला राठिया, सनत कुमार राठिया, बलदेव बेहरा, सरमात्मा यादव, रामकुमार झरिया, शौकी लाल महंत, भरत लाल झरिया, नरिहर दास समेत सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।

एसईसीएल की ओर से एरिया भू-अर्जन अधिकारी वीरेन्द्र गजवेर, उपक्षेत्रीय प्रबंधक ओकर सिंह, खदान प्रबंधन से ओमप्रकाश अटल तथा प्रशासनिक अधिकारियों में तहसीलदार घरघोड़ा और पटवारी बरौद उपस्थित थे।
बैठक के उपरांत आपसी सहमति से अनिश्चितकालीन हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि तय समय सीमा में मांगे पूरी नहीं हुईं, तो पुनः आंदोलन किया जाएगा।यह निर्णय बरौद क्षेत्र के विस्थापितों के लिए एक बड़ी राहत मानी जा रही है।