रायपुर: छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस, 3 दिसम्बर 2024, के अवसर पर राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ एक ऐतिहासिक दिव्यांगजन स्वाभिमान पैदल मार्च का आह्वान किया है। यह मार्च, मुख्यमंत्री निवास तक मरीन ड्राइव रायपुर से निकाला जाएगा, जिसमें राज्यभर के दिव्यांगजन काली पट्टी बांधकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सशक्त रूप से एकजुट होंगे।
संघ के प्रतिनिधि मंडल ने पहले ही शासन-प्रशासन के उच्च अधिकारियों से मिलकर अपनी 6 प्रमुख मांगों को रखा था। इन मांगों में, दिव्यांगजन के प्रति शासन की उपेक्षा और वादाखिलाफी की समस्या को लेकर नाराजगी व्यक्त की गई है। 26 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर एक माह के भीतर इन मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन महीने बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
संघ की प्रमुख मांगें:
- राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराकर फर्जी दिव्यांग शासकीय कर्मचारियों को बर्खास्त किया जाए।
- दिव्यांगजनों को प्रतिमाह ₹5000 पेंशन दी जाए और बीपीएल की बाध्यता को खत्म किया जाए।
- 18 वर्ष से ऊपर की अविवाहित दिव्यांग युवतियों/महिलाओं को महतारी बंदन योजना में शामिल किया जाए।
- दिव्यांगजन विशेष भर्ती अभियान चलाकर जल्द शासकीय पदों पर नियुक्ति की जाए।
- शासकीय दिव्यांग कर्मियों को पदोन्नति में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
- बेरोजगार दिव्यांगों को बिना गारंटर लोन दिया जाए और कोरोना पूर्व दिए गए ऋण माफ किए जाएं।
संघ ने इस मार्च के दौरान शासन की नाकामियों और दिव्यांगजनों के अधिकारों की हनन की घटनाओं को उजागर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने राज्य सरकार से दिव्यांगजनों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
संघ ने सभी दिव्यांगजनों से अपील की है कि वे इस मार्च में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और अपने अधिकारों की लड़ाई को सशक्त बनाएं। साथ ही, उन्होंने इस अभियान के लिए आर्थिक सहयोग की भी अपील की है।
सम्पर्क सूत्र:
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7566223070
7722887372
खाता विवरण:
खाता धारक का नाम: छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ
खाता क्रमांक: 77087342748
IFSC: CRGB0000503
बैंक का नाम: छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
सभी दिव्यांग भाई-बहनों से अनुरोध है कि वे इस ऐतिहासिक पैदल मार्च में बढ़-चढ़कर भाग लें और दिव्यांगजन के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाएं।