कोरबा, 17 मई — भारत सरकार के नीति आयोग एवं नैसकॉम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान के अंतर्गत जनपद पंचायत कोरबा के सभा कक्ष में 15 और 16 मई को दो दिवसीय डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों को डिजिटल उपकरणों और ई-गवर्नेंस सेवाओं के उपयोग में दक्ष बनाना था, ताकि वे अपने कार्यों को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और त्वरित रूप से संपन्न कर सकें।कार्यक्रम का उद्घाटन जनपद पंचायत कोरबा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कौशांबी गबेल एवं विकास विस्तार अधिकारी श्रीमती माहेश्वरी साव द्वारा किया गया। नैसकॉम फाउंडेशन की ओर से श्री लोकेश तिवारी (प्रोजेक्ट फील्ड ऑफिसर) एवं मास्टर ट्रेनर श्रीमती अनुसूइया ने प्रशिक्षण प्रदान किया। इस अवसर पर जिले की 65 ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने भाग लिया।प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु:कंप्यूटर एवं इंटरनेट का बुनियादी ज्ञानसाइबर सुरक्षा एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म का सुरक्षित उपयोगई-गवर्नेंस सेवाओं की जानकारी एवं उपयोगिताडिजी-साक्षर (DigiSakshar) पहल के अंतर्गत डिजिटल संसाधनों तक पहुंचमुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती गबेल ने कहा कि आज के समय में डिजिटल साक्षरता न केवल आवश्यकता बन गई है, बल्कि सुशासन की आधारशिला भी है।

उन्होंने सरपंचों से अपने क्षेत्र में डिजिटल जागरूकता को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। वहीं श्री लोकेश तिवारी ने डिजिटल उपकरणों के उपयोग में सुरक्षा एवं सावधानी की जानकारी साझा करते हुए व्यावहारिक सुझाव दिए।गौरतलब है कि नैसकॉम फाउंडेशन ने 2022 में आकांक्षी जिला कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य देश के 55 आकांक्षी जिलों में डिजिटल साक्षरता, ई-गवर्नेंस और कौशल विकास के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत डिजिटल संसाधन केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।

जनपद पंचायत कोरबा में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजिटल रूप से समावेशी और सशक्त भारत की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध हुआ है।