रायगढ़ । मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में बनने वाले अधिकतर चक्रवात बंगाल की खाड़ी से ही उत्पन्न होते हैं। हाल ही में उठे चक्रवात ‘मोंथा’ ने भी इसी खाड़ी से जन्म लिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी का भौगोलिक स्वरूप और तापमान की स्थिति चक्रवात बनने के लिए अत्यंत अनुकूल होती है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी का पानी अरब सागर की तुलना में ज्यादा गर्म रहता है। यही गर्मी नमी पैदा करती है, जो वायुमंडल में ऊपर उठकर निम्न दाब क्षेत्र बनाती है। यही निम्न दाब क्षेत्र आगे चलकर चक्रवात का रूप ले लेता है। इसके अलावा, खाड़ी के चारों ओर की भौगोलिक संरचना भी तूफानों की दिशा और गति को प्रभावित करती है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में साल में औसतन 4 से 6 चक्रवात बनते हैं, जबकि अरब सागर में इनकी संख्या 1 या 2 के बीच होती है। पूर्वी तट पर ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं जो अक्सर इन तूफानों की चपेट में आते हैं।
वर्तमान में उठे चक्रवात ‘मोंथा’ को लेकर भी मौसम विभाग ने तटीय क्षेत्रों के लिए अलर्ट जारी किया है। विशेषज्ञों ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है, साथ ही प्रशासन को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
बंगाल की खाड़ी में समुद्र का लगातार बढ़ता तापमान और वैश्विक जलवायु परिवर्तन आने वाले वर्षों में चक्रवातों की तीव्रता को और बढ़ा सकता है, जिससे पूर्वी तटीय क्षेत्रों के लिए खतरा और अधिक बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
