मूल्य वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसी योजनाओं से किसानों को साहूकार के चंगुल से निकालने लिए कार्य किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र का देश के सकल घरेलू उत्पाद में 70 प्रतिशत से अधिक योगदान है। कृषि क्षेत्र के साथ ही मत्स्य पालन, बकरी पालन, दुग्ध उत्पादन जैसे कृषि क्षेत्र से जुड़े अन्य कार्य करते हुए किसानों की आय में वृद्धि करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही हैै। किसानों के खाते में एकमुश्त बोनस की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के लिए जिले में लगातार व्यवस्था बनाया जा रहा है और मिलर्स की स्वीकृति के पश्चात धान के उठाव में तेजी आयी है। सरकार द्वारा किसान के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं और सरकार किसान के हित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसान आने वाले समय में बेहतरी के लिए कार्य करेगी। उन्होंने किसानों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। प्रदान की गई। किसान सम्मेलन में तकनीकी व्याख्यान का आयोजन किसान सम्मेलन अंतर्गत तकनीकी व्याख्यान में उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय ने पोषक अनाज, लघु धान्य फसलों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पोषक अनाज बहुत सी बीमारियों को दूर करने में सहायक है तथा कैल्शियम, आयरन, कॉपर, जिंक जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है। लीड बैंक मैनेजर श्री मुनीष शर्मा ने बताया कि बैंक द्वारा किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत ऋण प्रदान किया जा रहा है। किसान क्रेडिट योजना, सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, मशरूम उत्पादन, मछली उत्पादन, डेयरी उत्पाद, प्रसंस्करण सहित विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण प्रदान किया जा रहा है। किसान जनधन योजना से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सभी किसानों को अपना बीमा कराने के लिए आग्रह किया। सहायक संचालक उद्यानिकी श्री राजेश शर्मा ने उद्यानिकी फसलों टमाटर, मिर्च, आलू, बैंगन, केला एवं फूलों की खेती के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सात प्रकार के उद्यानिकी फसलों के लिए किसान 31 दिसम्बर तक फसल बीमा करा सकते हैं। नाबार्ड के प्रमुख श्री मनोज नायक ने किसानों से कहा कि नाबार्ड की ओर से बहुत सी योजनाएं हंै। किसान विविधीकरण को अपनाएं तथा कृषि उत्पादक संगठन से जुड़कर कार्य करें। कृषि विज्ञान केन्द्र से समय पर पौधों का खाद देने एवं अन्य तकनीकी जानकारी जरूर लें। उपायुक्त सहकारिता सुश्री शिल्पा अग्रवाल ने कहा कि किसान का सहकारिता से गहरा संबंध है। भारत सरकार द्वारा हर ग्राम पंचायत में किसानों की सुविधा के लिए सहकारी समितियां है। सहकारी समिति चाहे वह कृषि हो, वनोपज सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। सेवानिवृत्त सहायक संचालक कृषि श्री एसके सिंह, उप संचालक पशुपालन डॉ. अनूप चटर्जी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री पीके जैन, सहायक संचालक मत्स्य पालन श्री सुदेश साहू एवं अन्य विशेष विशेषज्ञों ने तकनीकी सत्र को संबोधित किया। आर्गेनिक फूड प्लाजा, उद्यानिकी एवं मत्स्य पालन विभाग के लगाए गए स्टॉलइस अवसर पर आर्गेनिक फूड प्लाजा के स्टॉल में लघु धान्य फसलों से बने पोषक तत्वों से भरपूर रागी, कोदो, कुटकी से बने उत्पाद एवं अन्य उत्पाद उपलब्ध रहे। आर्गेनिक फूड प्लाजा में रागी के लड्डू, बाजरा के लड्डू, सीताफल एवं जामुन के आईस्क्रीम, इडली, दोसा, बेल एवं अंबाडी शरबत उपलब्ध रहे। मत्स्य पालन विभाग के स्टॉल में विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। उद्यानिकी विभाग के स्टॉल में किसानों को उद्यानिकी फसलों की जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सामग्री का वितरण किया गया। इसी तरह विकासखंड स्तर पर सामुदायिक भवन जनपद पंचायत छुरिया, कृषि उपज मंडी डोंगरगढ़ एवं कृषि उपज मंडी डोंगरगांव के प्रांगण में एक दिवसीय किसान सम्मेलन सह कृषि किसान मेला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।