
कड़वा सच रायगढ़ अंग्रेजो के गुलाम हो चूका है..अंग्रेज कौन जों स्थानीय के दर्द को बिना समझें बाहर से आकर अपने देश व रायगढ़ में अपने को मठा धीश बना कर अपना विरासत बना चूका वो अंग्रेज…उन्हें स्थानीय लोगो की समस्या से कोई मतलब नहीं मेरा रायगढ़ को कौन लुटा है ये चिंतन हर स्थानीय लोगो की जिम्मेदारी है कब तक रायगढ़ को छोड़कर पलायन करते रहेंगे शासन प्रशासन ये दावे बहुत करती है की जिले की फिजाओ को बर्बाद करने वाली 200 से ज्यादा उघोग सरकारी नियम के अनुसार स्थानीय लोगो की समस्या के ख्याल रखती है पर जमीनी स्तर पर ऐसे कुछ भी नहीं सिर्फ अंग्रेजो के दलाल सक्रिय है अंग्रेज कौन…जों इंसानियत के गला घोंट कर स्वयं आगे बढ़ता हो…वो अंग्रेज .जों अपने प्रभाव से लोंगो को गुलाम बना ले वो अंग्रेज… अंग्रेज वो जों हर कमजोर के दर्द को अनदेखा कर उनके हक को खाता हो… अब अंग्रेजो के मायने सिर्फ विदेशी नहीं रह गई अब अंग्रेजों के मायने जों अपनों के बीच बैठकर अपनों के शोषण करती है वो अंग्रेज..अब आज के अंग्रेज रायगढ़ के हर जगह हर विभाग में अलग अलग रूपों में दिखता होगा आप पहचानते भी होंगे मैंने तो इस रूप में कुछ नेताओं अधिकारियो जिम्मेदार लोंगो को भी मुजरा करते देखा है रायगढ़ की बर्बादी के लिए…. श्याम गुप्ता सामाजिक कार्यकर्ता

