स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, कोतरा के छात्रों ने बढ़ाया गौरव
भविष्य में रोनित चौहान बनना है कलेक्टर
रायगढ़।शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, कोतरा के विद्यार्थियों ने कक्षा 10वीं में शानदार प्रदर्शन कर पूरे जिले का गौरव बढ़ाया है। इस वर्ष 9 विद्यार्थियों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त कर न सिर्फ विद्यालय बल्कि अपने माता-पिता और गुरुओं का नाम रोशन किया है। इनमें विशेष रूप से टॉपर्स छात्र रोनित चौहान का नाम सभी के लिए प्रेरणा बनकर उभरा है।रोनित चौहान, एक बेहद साधारण और मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं।

उनके पिता ओमप्रकाश चौहान गाँव के कोटवार हैं और माता श्रीमती रेणु चौहान एक गृहिणी हैं। आर्थिक रूप से सीमित संसाधनों के बावजूद इस परिवार ने कभी अपने बेटे के सपनों के आड़े कोई कमी नहीं आने दी। रोनित की सफलता में उसके परिवार का त्याग और प्रेम झलकता है, विशेष रूप से उनकी दादी श्रीमती नानकन चौहान का स्नेह औरआशीर्वाद, जिन्होंने रोनित को हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। रोनित अपनी दादी से बेहद प्रेम करता है और उनकी ममता को अपनी सबसे बड़ी शक्ति मानता है।

इस सफलता के अवसर पर रायगढ़ कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने इस सफलता का श्रेय शिक्षकों और अभिभावकों को देते हुए कहा कि ऐसी उपलब्धियाँ समाज को नई दिशा देती हैं।वित्त मंत्री एवं रायगढ़ विधायक श्री ओ.पी. चौधरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी टॉपर्स को शुभकामनाएं दीं और रोनित से विशेष बातचीत कर उसके आईएएस बनने के लक्ष्य की सराहना करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया।

जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. के.वी. राव, सहायक संचालक शिक्षा तरशिला एक्का, डीएमसी नरेंद्र चौधरी और एपीसी भुवनेश्वर पटेल ने विद्यार्थियों को मिठाई, पुष्पगुच्छ और उपहार देकर सम्मानित किया। और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।विद्यालय के प्राचार्य श्री आर.सी. नवनीत ने शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों को इस सफलता का सहभागी बताया और रोनित सहित सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।

अंग्रेजी माध्यम के नोडल व्याख्याता श्री वीर सिंह ने कहा कि रोनित की सफलता माता-पिता और शिक्षकों के समर्पण का प्रतिफल है। उन्होंने असफल छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में अवसर बार-बार मिलते हैं, हार मानना विकल्प नहीं है।सभी छात्रों को जीवन के कौशल पर ध्यान देने की सलाह दी और कहा, “यह जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं है। जैसे क्रिकेट में एक बॉल मिस होने से मैच खत्म नहीं होता, वैसे ही जिंदगी में भी अवसर बार-बार आते हैं। धैर्य रखें, अगली बॉल पर छक्का जरूर लगेगा।”अंग्रेजी माध्यम प्रभारी श्रीमती शांति मिश्रा ने रोनित की मेहनत, अनुशासन और आज्ञाकारिता की सराहना की। और उसकी सफलता का पूरा शरीर सभी शिक्षकों को दिया।रोनित चौहान ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, दादी और गुरुजनों को दिया और कहा कि वह आगे गणित विषय के साथ अध्ययन जारी रखकर आईएएस अधिकारी बनने का संकल्प लेकर मेहनत करता रहेगा।